Saturday, July 28, 2012
सम्मान ....
भारत को संस्कारो का देश कहा जाता है जहा स्त्री को देवी माना जाता है ...... पर क्या हम सच में उन्हें देवी जितना सम्मान देते है ??? कहा जाता है हमारी संस्कृति में पति पत्नी को एक स्थान प्राप्त है फिर क्यों पत्नी से ये अपेक्षा रखी जाती है की वो पति को स्वयं से श्रेष्ठ समझे .. उसका नाम न ले .. इसके पीछे लोग यह विज्ञान समझाते है की अगर पत्नी पति को नाम से बुलाएगी तो कल बच्चे भी बुलाएँगे ... किन्तु मुझे इसका उलटे परिणाम नज़र आते है .. अगर सिर्फ पति पत्नी को नाम से बुलाएगा तो बच्चे यही समझेंगे की स्त्री और पुरुष सामान नही है .. वो सदैव अपनी माँ को पिता से कमतर समझेगा और आगे भी इन्ही विचारो का आचरण करेगा ... पर शायद ये बात कोई समझना ही नही चाहता .. और जो समझते है उन्हें पश्चिम के पीछे अँधा दौड़ता हुआ करार दे दिया जाता है ... क्या हम किसी देश से कोई बात सिखने से पहले उसे तौल नही सकते ?? क्या हमारे बड़े बूडो ने जो कहा है बस वही सही है ... क्या हम लकीर के फकीर नही बन रहे ??
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